Kundli – जन्म कुंडली से जानें कैसा होगा 2022 में आपका जीवन 

2022 अब कुछ दिनों की दूरी पर ही है। आने वाला साल आपके लिए क्या लेकर आएगा? क्या यह साल आपके लिए अच्छा साबित होगा या बुरा – यह सब सवाल आपके मन में आवश्य चल रहे होंगे।  अगर ऐसा ही है, तो हम लाए हैं 2022 का हाल आपके लिए।  हमसे जानें नियति ने आपके लिए क्या छिपा रखा है।  जी हाँ, ज्योतिषContinue reading “Kundli – जन्म कुंडली से जानें कैसा होगा 2022 में आपका जीवन “

What are the astrological effects of Ketu in the 4th house

 Ketu, the shadowy planet without a human form and visually inaccessible, exists as the tail of the Dragon, while its counterpart Rahu exists as dragon head. Ketu, the headless warrior, seems to be less lethal when compared to Rahu, that represents the brain of the Dragon. A native with Ketu in fourth house tends to be spiritual inContinue reading “What are the astrological effects of Ketu in the 4th house”

Janam Kundli in Hindi

अगर आपको यह ज्ञान हो जाए की आखिर जन्म कुंडली में एक ज्योतिषी देखते क्या हैं, तो आप स्वयं अपनी कुंडली देख पाएंगे। तो आज जानिये डॉ. विनय बजरंगी से, कि कैसे देखें अपनी जन्म कुंडली स्वयं? हमारी जन्म कुंडली १२ भागों में दर्शायी जातीं है।  और इन भागों को १२ भाव कहा जाता है। यही १२ भाव, हमारी ज़िन्दगी के भावों को दर्शाने के लिए काफी होते हैं।  इन्ही को देख कर, एक ज्योतिषी हमारे प्रश्नों का उत्तर देता है।  जन्म कुंडली में जैसे की पहले बताया है, लग्न एक अहम् स्थान पाता है।  १२ भावों  में,लग्न का स्थान प्रथम भाव में होता है।  और लग्न भाव  में जो भी नंबर आता है, वही जातक की जन्म राशि कहलाती है।  कुंडली में १२ राशियों को इसी तरह नंबर में विभाजित किआ गया है।  तो जब भी आप कुंडली को पढ़ना चाहें, तो किस नंबर पे कौन सी कुंडली है, इसका बोध होना ज़रूरी है।  कुंडली में अंकित हर एक भाव का सम्बन्ध जातक के जीवन के अलग अलग पहलुओं से होता है।  जैसे प्रथम भाव जातक के स्वभाव, आचरण तथा शारीरिक विश्लेषण का विवरण देता है, उसी तरह द्वितीय भाव, जातक के परिवार, परिजनों, धन, सौभाग्य, स्मरण शक्ति, संपत्ति, पत्नी की आयु, कला, इत्यादि की व्याख्या करता है।  तीसरा भाव संगीत, नौकर चाकर, मित्र, छोटे भाई बंधू, साझेदारी आदि के बारे में बताता  है, और चौथा भाव, मातृ भाव कहलाता है जिसका सम्बन्ध पैतृक संपत्ति, पारिवारिक स्थिति, वाहन, दूध, तालाब, कुआं, गुप्त खज़ाना आदि चीज़ों से होता है।  पांचवां भाव मनोरंजन, शिक्षा, मंत्र तंत्र, बच्चों का सुख, पढ़ाई लिखाई, अचानक मिलने वाला पैसा, पुनर्जन्म इत्यादि के बारे में बताता है।  छठा भाव हमारे शत्रु, रोग, दुख, तकलीफ, नौकरी की बदली, नौकर चाकर, वाद विवाद, धोखा, हार आदि को दर्शाता है।  सातवां भाव, जातक के विवाह सुख, दाम्पत्य सुख, लेन देन सम्बन्धी चीज़ों की बात करता है।  आठवां भाव मृत्यु भाव को दर्शाता है, जिसमे जातक की उम्र, मृत्यु के कारण, आर्थिक स्थिति, स्त्री धन, उत्तराधिकारी इत्यादि अंकित होता हैं।  जन्म कुंडली में नौवां भाव मनुष्य की धार्मिकता एवं आध्यात्मिकता की बात करता है।  दसवा भाव जातक के सरकारी नौकरी, सास, ससुर, पद प्रतिष्ठा, मान सम्मान, यश के बारे में व्याख्या करता है।  ग्यारहवें भाव से एक ज्योतिषी जातक के इच्छापूर्ति, आय के साधन, दूसरी पत्नी, रोग मुक्ति आदि बातों का पता लगाते हैं।  बारहवां भाव कुंडली का आखरी भाव होता है जिसे मोक्ष भाव भी कहते हैं।  ये भाव, जातक के क़र्ज़, संन्यास, अनजाना दुश्मन, जेल यात्रा, परदेस जाना बातों को बताता है।  अपनी जन्म कुंडली से जुड़ी और भी दिलचस्प बातों को जानने के लिए आज ही संपर्क करें  डॉ. विनय बजरंगी से।  हमारे ऑनलाइन माध्यम से आप नि शुल्क संपूर्ण जन्म कुंडली हिंदी में बना सकते हैं वह भी  सिर्फ अपना सही जन्म तारीख तथा समय के साथ।   Source Link: https://sites.google.com/view/vinaybajrangis/blog/2022-prediction-by-janam-kundli-in-hindi

Design a site like this with WordPress.com
Get started